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____ARDHA-MAGADHS READER. चित्तंपि जाणाहि तहेव रायं,
इड्ढी जुई तस्स वियप्पभूया ॥११॥ महत्थरूवा वयणप्पभूया,
गाहाणुगोया नरसंघमउझे। जं भिवखुणो सीलगुणोववेया,
इहं जयंते समणो गि जाओ ॥१२॥ उच्चोदए महुकक्के य बंभे,
पवेइया आवसहा य रम्मा। इमं गिहं चित्त धणप्पभूयं,
पसाहि पंचालगुणोववेयं ॥१३॥ नहिं गीएडि य वाइएहि,
नारीजणाइं परिवारयंतो। भुंजाहि भोगाइं इमाई भिक्खू,
मम रोयई पत्वज्जा हु दुक्ख ॥१४॥ तं पुवणेहेण कयाणुराग,
नराहिवं कामगुणेसु गिद्ध। धम्मस्सिओ तस्स हियाणुपेही,
चित्ती इमं वयणमुदाहरित्या ॥१॥ सव्वं विलवियं गीयं,
सव्वं नर्से विडंबियं। सम्वे आभरणा भारा, ___ सव्वे कामा दुहावहा ॥१६॥ बालाभिरामेसु दुहावहेसु,
न तं सुहं काम गुणेसु रायं। विरत्तकामाण तवोहणाण,
जं भिक्खुणं सीलगुणे रयाणं ॥१०॥
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