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________________ UU राष्ट्रपति भास्त बचतंग PRESIDENT REPUBLIC OF INDIA दिनांक 30 अप्रैल, 1994 संदेश आचार्य सुशील मुनि जी अहिंसा और सद्भाव की भावना के माध्यम से एक स्वस्थ समाज एवं शांतिपूर्ण विश्व की स्थापना के लिए अनवरत रूप से काम करते रहे अनेकान्तवाद में उनकी गहरी आस्था थी । उन्होंने भगवान महावीर के विचारों को वर्तमान विश्व की समस्याओं के समाधान के संदर्भ में प्रस्तुत करके भारतीय दर्शन की सार्वकालिकता और सार्वभौमिकता को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया । निश्चित ही ऐसे महान व्यक्तित्व का अचानक चले जाना समाज के सांस्कृतिक एवं सामाजिक जीवन में एक शून्य-सा पैदा कर देता है । उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाकर ही इस शून्य को भरा जा सकता है । मैं आचार्य सुशील मुनि जी के महान विचारों एवं कार्यों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। संकर शाल को कर साल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006511
Book TitleShantidoot Amrender Muniji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmini Atal
PublisherUniversal Ahimsa Foundation
Publication Year
Total Pages304
LanguageEnglish
ClassificationBook_English & History
File Size11 MB
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