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उत्तराध्ययनसूत्र भाग 3 (अ. १५-२४) छी
विषयानुभाशिष्ठा
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पाना नं.
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१ पंद्रहवें अध्ययन का प्रारंभ और भिक्षुगुराप्रतिपाहन २ सोलहवें अध्ययन का प्रारंभ और हश
प्रलयर्थसमाधिस्थान 3 सत्रहवें अध्ययन का प्रारंभ और पापश्रमाशोंठे स्व३५
डा वर्शन ४ अठारहवें अध्ययन का प्रारंभ और संजयनृप डेयरित्र
छा वार्शन ५ संयमुनि यरित्र वार्शन में संयनृप छो भुनि दर्शन ६ भुनिछे पास संयनृपछी क्षभायायना के लिये प्रार्थना ७ संयनृप छो भुनिष्ठी और से क्षमाधान ८ संयनृप हो भुनिठा उपदेश ८ भुनिछे उपदेशसे राम हा प्रत्याग्रहरा पुरना १० संयमुनिछे प्रति छोछ सेठ भुनि डे प्रश्न ११ न्यिावाधाभितष्ठा प्रतिपाहन १२ ठ्यिावाहियों डे पापछारित्व छा वर्शन १३ घ्यिावाध्यिों उ भतळे श्रवा से निवृति धारा छा ज्थन १४ क्षत्रिय राय ऋषिठा उपदेश १५ क्षत्रिय राऋषि द्वारा अपने आधार डा प्रतिपाहन १६ आयुठे ज्ञानडे विषयमें शिनशासन डे महत्व छा
प्रतिपाहन १७ झिर से क्षत्रियराऋषि डा उपदेश १८ संश्य भुनिष्ठो अपने उर्त्तव्य में रहने उ उपहेश भरत
यडी डा घाहा १८ भरत यवर्ती डी ज्था २० सगर यवर्ती डी ज्था २१ भधवा यन्वर्ती छी था २२ सनाभार यवर्ती डी ज्था २३ शांतिनाथ डी ज्था २४ श्री कुंथुनाथ डी था २५ श्रीभत् मरनाथ डी ज्था २६ महापन यवर्ती छी था
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