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________________ पृष्ठ अनुक्रमाङ्क विषय ४६ मार्ग गमन में यतनाका विचार ४७ गोचरीमें कायचेष्टा का विचार ४८ गोचरीमें कुल (गृह) प्रवेशविधि का विचार ४९ भिक्षा के लिये स्थितमुनिकी कायचेष्टा का विचार ५० गृहस्थके घर स्थित रहनेका विचार ५१ पाकादिकार्यमें स्त्रीकी उपस्थितिका विचार ५२ संहरणमें चतुर्भङ्गीका विचार ५३ पुरः कर्मका कथन ५४ पश्चात्कर्मका कथन ५५ आहार गृहणमें विवेक विचार ५६ शंकित-मुद्रित आहार गृहणका निषेध ५७ दानादि के लिये या पुण्यके लिये उपकल्पित आहार गृहणका निषेध ५८ औद्दोशिक क्रीत्कृतादि आहारका विचार ५९ निःशङ्कित आहार गृहणकी आज्ञा ६० तेजोविराधनामें आहार गृहणका निषेध ६१ दुर्गममार्ग में गमन का निषेध ६२ मालाहृत भिक्षाका निषेध ६३ आहार गृहण विवेक विचार ६४ त्याज्य फलों के नामोल्लेख ६५ पान गृहण विधि ६६ कारणोपस्थितिमें गोचरीमें आहारविधि ६७ आहारमें आये बीजादिका परिठवनकी विधि ६८ उपाश्रय में आकरही आहार करने का कथन ६९ गोचरीमें अतिचारोंकी आलोचनविधि ७० कायोत्सर्गमें चिन्तनप्रकार ७१ अन्यमुनियोंको आहार गृहणके लिये प्रार्थनाका विचार ७२ आहार का उपभोगकी विधि ३०७-३०८ ३०९-३१३ ३१४-३१७ ३१८-३१९ ३२०-३२२ ३२३ ३२४-३३० ३३१-३३४ ३३५-३३७ ३३८-३४३ ३१४ ३४५-३५१ ३५२-३५६ ३५७-३५८ ३५९-६६१ ३६२-३६३ ३६४-३६६ ३६७-३६८ ३६९-३७० ३७१-३७७ ३७८-३८१ ३८२ ३८३-३८४ ३८५ ३८६-३८७ ३८८-३९० ३९१-३९४ શ્રી દશવૈકાલિક સૂત્રઃ ૧
SR No.006367
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages480
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size27 MB
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