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________________ पृष्ठ १-४ ५-८ ९-५१ ५२-६४ ६५-७६ ७७-७८ ७९-८१ ८२-८६ ८७-८८ श्री दशवैकालिक सूत्रकी विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय प्रथम अध्ययन १ मङ्गलाचरण धर्ममहिमा२ अहिंसा का स्वरूप३ संयमका स्वरूप एवं मुखवत्रिका संबन्धि विचार ४ तपके भेदों का निरूपण ५ गोचरी विधिमें भ्रमर का दृष्टान्त ६ भिक्षागृहण वेषयक शिष्यकी प्रतिज्ञा ७ साधुओं का स्वरूप कथन __ दूसरा अध्ययन ८ श्रामण्य में अधिकारी का लक्षण - ९ त्यागी का स्वरूप कथन१० कामरागके दोषों का विचार११ कामराग निवारण का उपाय१२ छोडे हुए भोगों का पुनः, अंगीकार करने में सर्पका दृष्टान्त - १३ राजीमती के द्वारा प्रतिबोध को प्राप्त हुआ रथनेमी का संयममें स्थिरभाव रहने से पुरुषोत्तमत्व की सिद्धि __ तीसरा अध्ययन १४ मुनियों के आचार का निरूपण में महर्षियों के स्वरूपनिरूपण१५ (५२) अनाचीर्ण १६ शय्यातर विचार१७ वसति याचन विधि१८ शय्यातर के घरमें कल्प्यकल्प्य की विधि१९ (५२) अनाचीर्ण२० अनाचीर्ण त्यागी मुनिकास्वरूप२१ उपसंहार अध्ययन समाप्ति - चतुर्थ अध्ययन १०६ १०७-११२ ११३-११६ ११७-१२१ १२२-१२८ १२९-१३० १३१-१३२ १३३-१३८ १३९-१४४ १४५-१४६ १४७-१५० શ્રી દશવૈકાલિક સૂત્રઃ ૧
SR No.006367
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages480
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size27 MB
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