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________________ श्री भगवती सूत्र भा. चौथे की विषयानुक्रमाणिका अनुक्रमाङ्क विषय पृष्टांङ्क पांचवे शतकका पहला उद्देशा १ पांचवेंशतक के उद्देशों की संग्रहार्थ गाथा १-२ २ सूर्यके स्वरूपका निरूपण ३-१० ३ रात्रीदिवसके स्वरूपका निरूपण ११-५२ ४ ऋतुविशेषादिके स्वरूपका निरूपण ५३-७७ ५ लवणसमुद्र के स्वरूपका निरूपण ७८-९७ दूसरा उद्देशक ६ दूसरे उद्देशेका विषयों के विवरण ९८-९९ ७ वायुके स्वरूपका निरूपण १००-१२३ ८ ओदनादि द्रव्य का निरूपण १२४-१४० ९ लवणसमुद्र के विष्कम का निरूपण १४१-१४७ तीसरा उद्देशा १० अन्यतीथिकों के मिथ्याज्ञान पने का निरूपण १४८-१६८ ११ नैरयिकादिकों के आयुष्यका निरूपण १६९-१८१ चतुर्थ उद्देशक १२ चौथे उद्देशेके विषयोंका विवरण १८२-१८५ १३ छनस्थों के शब्दश्रवण का निरूपण २८६-२०० १४ छमस्थ केवली के हासादि निरूपण २०१-२१६ १५ हरिनगमिषिदेव की शक्तिका निरूपण २१७-२२४ १६ अतिमुक्त अनगार के स्वरूपका निरूपण २२५-२३८ १७ महावीर स्वामीके प्रति दो देवों की शिष्यविषयक वक्तव्यता निरूपण २३९-२६२ १८ नोसंयत के स्वरूपका निरूपण २६२-२६८ १९ देवों की भाषाका निरूपण २६९-२७० २० केवली छमस्थ के स्वरूपका निरूपण २७१-२७९ २१ प्रमाण के स्वरूपका निरूपण २८०-२९० २२ केवली के चरम कर्मका निरूपण २९१-२९४ श्री.भगवती सूत्र:४
SR No.006318
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1142
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size65 MB
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