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महावीर स्वामी रे पिछवाडे वाडी माहरी सैयां ए वाडी में केसर बवाऊँ माहरी सैयां ए, त्रिशलादेवी जी रो हाथ मंडावो माहरी सैयां ए, महावीर स्वामीजी रे तिलक कढ़ावो माहरी सैयां ए।
सूती ने सपना आयो माहरी सैयां ए, जागती तो गोवर-ग्राम में जाती माहरी सैयां ए, गोवर ग्राम में गौतम स्वामी विराज्या माहरी सैयां ए वाडी में केसर बवाऊँ माहरी सैयां ए, पृथ्वीदेवीजी रा हाथ मंडावो माहरी सैयां ए, गौतम स्वामीजी रे तिलक कढ़ावो माहरी सैयां ए।
॥ बधावी ॥ (वर्ग :-माभि राजाजी चौंटे चाल्या, चूंदड़ी चार मोलाय ।)
वनिता नगरी में उच्छव होवे, नाभि राजा रा राज में। माता मोरादेवीजी जायो है पूत, बघावो राजा नाभि के घरे ॥१॥ नाभि राजाजी चौंटे चाल्या, चन्दडियाँ चार मोलाया, सजनी राती, पीली, हरी, कसुम्बा, चार, सगला रे मन भावती ॥२॥ नाभि राजाजी चौंटे चाल्या, चुड़ला चार मोलाया सजनी दान्त्या, लाख्या, राता, पीला चार, सगला रे मन भावता ॥३॥ नाभि राजाजी चौटे चाल्या, छाबां चार