________________
॥ दिनरा जमाई भोजन करते वक्त गाने का गीत ।।
___॥ जमाई जी का गीत |
(तर्ज--धोया-धोया याल परूसीया भात बे।) घणा दिनां से वाट जोवती आया जमाई आज बे आनन्द मंगल उत्सव मारे नणदोयों रे काज बे ॥टेर॥ आवो-आवो सखी सहेल्याँ मिल कर गावो गीत बे। जमायाँरा लाड़ करांला आ पुरानी रीत बे ॥१॥ गीदी बिछावो पाटो ढालो, लोटो भरो गिलास बे । थाल कटोरा भरके भोजन, बैठ जीमारो पास बे ॥२॥ मीठो जीमो मीठा बोलो, मीठी करजो बात बे। सीधा आवो सीधा जावो, घरे बितावो रात बे । ३।। कांई तो थे विणज करो अरु कांई करो व्यापार बे। कितरी थारे आमद खरचो कितरो है महावार बे ॥४॥ परधन माटी जेडो जाणो परनारी गिनजो मात बे। छेह किणी ने दीजो मती थे पहले पकड्यो हाथ बे ॥५॥ फैशन सूं थे दूर रहजो, मती लोपजो कार बे। भांग तमाखू मती अरोगो फेंको चिलम सिगरेट बे॥६॥ सट्टो छोड़ो लाटरी छोड़ो दोनों ही जुगार बे। मात पितारो कहनो मानो, शिक्षा लीजो धार बे ॥७॥ कपड़ा री थे राखो सफाई देव गुरु सं प्रीत बे। 'श्रीनाय' जब आओ सासरे सुण लोजो शुभगीत बे ॥८॥
169