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पंचरंग पेचो वीरा, सुसरा-सारे बंधाओ तो २,
सासुजी रे साड़ी बणारसीजी ॥१०॥ पंचरंग पेचो वीरा, जेठ-सारे बंधाओ तो २,
दिवर जिठानी रे पोमचाजी ॥११॥ पिलिया रे वेश वीरा, ननन्दल ने पहिरावो तो २,
पंचरंग ननंदोयां रे मोलियाजी ॥१२॥ पां) ही कपड़ा वीरा, बहनोई सारे लावो तो २,
बहिन रे बाली चूंदडीजी ॥१३॥
॥ राजुल री चूंदड़ी ॥
(तर्ज : रंगाइजो नेमीटवर चून्दड़ीजी) ए कुण जी चुन्दड़ी मोलवेजी, ए कुण जी खर्चेला दाम, रंगाइजो नेमजी चूंदड़ीजी ॥१॥ समुद्र विजयजी चूंदड़ मोलवेजी, उग्रसेनजी खर्चेला दाम, रंगाइजो नेमजी चूंदडीजी ॥२॥ ओढ़ पहरनने राजुल नीसरीजी, गया है द्वारिका री पोल, रंगाइजो नेमजी चूंदडीजी ॥३॥ चार सज्जन मिल पूछियाजी, किण सज्जन री आ दीव के, रंगाइजो नेमजी चूंदड़ीजी॥४॥ उग्रसेन राजा री दीकरी जी, कंस राजा री बेन, रंगाइजो नेमजी चंदडीजी ॥५॥