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|| वेवायी का गीत ॥
( तजं - थांनी थांनी ओ बेईजी थांती नार)
थांनी थांनी ओ बेईजी दही दूध रो दान देवे । सामा मिलिया शान्तिलालजी कुमार, हाथ माहें ज्ञान रो पोथी । सुनो सुनो ओ ब्यायनजी बात, रातरा थे जीमो मती । सुनो सुनो ओ ब्यायनजी बात, कंद मूल थे खावो मती । इनमें लागे हैं पाप अपार, कर्म જે बंधे चिकना करो || सुनो सुनो व्यायनजी बात, पापड़ रातरा थे बटजो मती ।। और आरम्भ-सारम्भ रा काम, रातरा थे करजो मती । इनमें हिंसा होवे अपार मच्छर, डांस, जीव मरे करी ॥ सुनो सुनो ब्यायनजी बात, गंधा गीत गायजो मती । इनमें शोभा नहीं लिगार, अनर्थादण्ड पाप होवे करी । सुनो सुनो व्यायनजी बात, बाई ने सोरी राखजो करो | मैं तो दीनी खोला माहे डाल, आप रे तो पुत्री लाड़की ॥ सुनी-सुनी ओ बेईसा थारी बात, आज दिन धार ली करी ॥ मने शिक्षण दोनो आप, भव भव भलो होइजो करी ॥ आप शीलवंत कुमार, मारो जीवन सुधारयो करी ।।
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