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________________ ६२ संजाणथी सिधा उंबरगाम जतां खाडी उतरवी पड़े छे माटे संजाणथी रेल्वेनी सडके थइ उंबरगाम स्टेशने आवी श्रावक पोपटलालना घरे रात रह्या, ६३ वानगाम स्टेशनथी मुंबइना रस्ता तरफ एक माइल छेटे शेठ पुरुषोत्तमदास लालदासना ___ बंगलामां उतर्या. ६४ पालघरमां श्रावकना बन्ने घर सामान्य छे. स्टेशनथी ०॥ माइल दूर राव बहादुर विष्णु वामन दांडेकरना बंगलामां उता. ६५ केरवा स्टेशन ऊपरज रात रह्या. थोडा साधुओ स्टेशनथी ०॥ माइल दूर रामुनी ब्राह्मणना मकानमां रात रह्या. स्टेशनथी १ माइल दूर जांजोली गाम छे त्यां मारवाडीनी वे दुकानो छे.. . ६६ देहिसरना स्टेशन ऊपरज रात रह्या. स्टेशन चालु नथी पण मास्तर तथा नोकरो रहे छे. स्टेशननी चारे तरफ खूब झाडी-जंगल छे. सोफाला अने देहिसर वच्चे ३ फर्लोग अने १॥ फींग लांबा अनुक्रमे बे पुलो आवे छे पुलो उतर्या पछी तुरतज देहिसरनुं स्टेशन आवे छे. त्यां सूइ रहेवानी जग्या मळी शके छे. देहिसरथी ल. १ माईल दूर कजराली गाम छे त्यां मारवाडीनी बे दुकानो छे त्यांथी डुंगरमां थइने ४ माइले विरार स्टेशन आवे छे. ६७ वीरार स्टेशन ऊपर मनोरभाई भावनगरीनी दुकान छे त्यां जरा वार विश्रांति लीधी. वीरार स्टेशनथी पाकी सडके ३॥ माइल अगासी तीर्थ छे त्यां श्रावकनां घरो, देरासर, धर्मशाला विगेरे छे. यात्रालुओने सारी सगवड छे. ६८ वसइरोड स्टेशननी सामेज शेठ प्रेमचंद रायचंदनी बंधावेली अने सरकारी कबजा वाळी जबरदस्त धर्मशाला छे तेमां उता. अहिंथी ल. ६ माइले वसइ गाम छे. त्यां श्रावकोनां घर विगेरे छे. भइंदरमा उपाश्रयना एक ओरडामा घरदेरासर राखेलं छे तेमां धातुनी बे प्रतिमाजी छे. वसइरोड अने भइंदर वच्चे पहेलो त्रण फर्लोग अने बीजो एक माइल लांबो, एम बे पुलो आवे छे. आटलामा समुद्रनी नानी मोटी खाडीओ आव्या करे छे तेना ऊपर रेल्वे सडके पुलो आवे छे ल. १००-१५० कदमथी मोटा पुलो ऊपर रेल्वे लाइननी बाजुमा ल. एक हाथनी पहोळाइमां पतरां नाखेला होय छे अने पडखे उंचो कठोडो होय छे तेथी तेना ऊपर बराबर ध्यान राखीने सुख पूर्वक चाली शकाय छे. आ पुलो ऊपरथी चालवा माटे, मुंबइथी सरकारी पास
SR No.006292
Book TitleVihar Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1926
Total Pages158
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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