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________________ क्षमाश्रमणे आगमोने पुस्तकारूढ काँ छे तेथी देरासरमा तेमनी मूर्ति बिराजमान करेली छे. श्रीवृद्धिचंद्रजी जैनपाठशाला तथा कन्याशाला छे. नानो पुस्तकभंडार छे. धर्मशाला २ छे. अहिंनो उपाश्रय मोटो छे. श्राविकानो उपाश्रय नवो थयो छे. १६ पालीताणा, काठीयावाडमां बीजा नंबर- स्टेट छे. शत्रुजय महातीर्थनी तलाटी छे. धर्मशालाओ नानी मोटी थइने ३८ छे. गाममां आणंदनी कल्याणजीनी पेढीनुं कारखानुं छे. तलाटीएं यात्रालुओने भातुं अपाय छे. मोटी टोली तथा नानी टोलीवाळाओनी एम वे जैनपाठशाला छे. श्रीयशोविजय जैनगुरुकुल जैनबालाश्रमवीरबाई जैन पाठशाला-हेमचंद्राचार्य जैन पाठशाला-तलकचंद माणेकचंद जैन लाय ब्रेरी-जैन दवाखान-श्रेयस्कर मंडळ विगेरे संस्थाओ छे. १७ भावनगर, काठीयावाडमां. पहेला नंबरनुं स्टेट अने रमणीय शहेर छे. आ पण जैनपुरी कही शकाय, ज्यां जैनधर्म प्रसारकसभा, आत्मानंद जैनसभा, पूज्यपाद गुरुवर्यना उपदेशथी स्थपाएली श्रीयशोविजय जैन ग्रंथमाला, विशाश्रीमाली बोडींग, दशाश्रीमाली बोर्डीग, शेठ त्रीभोवनदास भाणजी जैन कन्याशाला, श्रीवृद्धिचंद्रनी जैन पाठशाला, श्रीजैन शुभेच्छक मंडल, श्रीविजयधर्म प्रचारकसभा, श्रीआत्मवीरसभा, श्रीगंभीरविजयजी जैनसभा, श्रीजैन युवकमंडल विगेरे संस्थाओ छे, अने ज्यांथी जैन' साप्ताहिक तथा जैन धर्मप्रकाश, आत्मानंदप्रकाश अने श्राविका सुबोध विगेरे मासिको प्रसिद्ध थाय छे. प्राचीन पुस्तकभंडार छे. दादासाहेबमां धर्मशाला सारी छे. बाकी बे चार उपाश्रयो तथा धर्मशालाओ तथा चार पांच घरे देरासरो विगेरे छे. १८ घोघा, श्रीनवखंडा पार्श्वनाथजीतुं प्राचीन तीर्थ छे. धर्मशाला छे यात्रालुओने सगवड छे. यात्रलुओने भातुं अपाय छे, जैनपाठशाला छे. १९ तलाजा ए भावनगर स्टेटना तालुकानुं गाम छे. तालध्वजतीर्थनी तलाटी छे. पहाड रमणीय छे. तेम गुफाओ विगेरे जोवा लायक छे. तलाटीमां भावनगरवाळा शेठ आणंदनी पुरुषोत्तम तरफथी नवी धर्मशाला थई छे, त्यां यात्राळुओने भातुं अपाय छे, बीजी एक गाममां पण धर्मशाळा छे. साचादेवनुं तीर्थ कहेवाय छे. २० महुवा ए भावनगर स्टेटनो मुख्य अने रसाळ तालुको छे. अहिंना देरासरमां श्रीमहावीरस्वामीनी मूर्ति छे, ते जीवितस्वामीनी मूर्ति कहेवाती होवाथी तथा श्रीशनंजयनी पंचतीर्थीनुं गाम होवाथी महुवा तीर्थ गणाय छे. शास्त्रविशारद जैनाचार्य श्रीमान विजयधर्मसूरिजी महारानना सदुपदेशथी जैनबालाश्रमनी स्थापना थई जे
SR No.006292
Book TitleVihar Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1926
Total Pages158
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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