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________________ ( ९१ ) उतर्या. स्टेशन, बजार अने परगणुं छे. तेज रस्ते पाछा आवी सडके वड्या. ६० मा० नं० ५४६ पासे कटोवनमां डाकबंगलो छे. १९८ अल्हाबाद, मा० नं० ४९७ - ५ पछी दी० क० रोड छोडी ल० ० || माइल चाली यमुनाना पुल पासे कच्छी भाटीया कानजी खेतशीनी धर्मशालामा उतर्या आ. गृ. १ पाल्हणभाइ तेजपाल, २ शेठ कुंवरजी उमरशी हः हरशीभाई गणपत. दिगंबरीनां घर, धर्मशाला अने मंदिरो छे, तेज रस्ते ०|| माइल पाछा आवी दी. क. रोड ऊपर चडवु अथवा जमना किनारे थइ गंगानी सडके चडी दारा--गंज पासे थइ पुल पासे जवं. दारागंज अने झुसी वच्चे गंगानदी उतरवी पडे छे, दर वरसे दीवाली पछी काचो पुल बंधाय छे अने जेठ सुदी १० ने दिवसे खोलवा मांडे छे, पुल न होय त्यारे नावथी उतरखं पडे छे. माटे मंजुरी मेळवी नानी लाइनना रेलना पुल ऊपरथी जवं सारुं छे. अल्हाबाद, यु. पी. नी राजधानीनुं मोटुं अने रमणीय शहेर छे. संयुक्त प्रान्तना गवर्नर अहिं रहे छे. हिंदुओं मोटुं तीर्थ छे. जैनोनुं पण तीर्थ छे, केमके आने अयोध्या नगरीनो पुरिमताल नामनो पाटक ( पाडो ) कहेवामां आवे छे, त्यां प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव भगवानूनुं दीक्षा कल्याणक थएलुं छे, तेनी निशानी तरीके हजु किल्लामां प्राचीन वड नीचे भगवान्नी पादुका तथा पासेज जैननी बे मूर्त्तिओ छे, अल्हाबादमां एक जैन श्वेतांबरी मंदिर नवं तैयार थएलुं छे, पण अन्य दर्शनियोए तेनी प्रतिष्ठा थवा नहीं दीधी तेथी खाली पड्युं छे. संयुक्त प्रान्तमां जैनोनी कुलं वस्ती ६८१११ माणसनी छे. अल्हाबादमां जोवालायक स्थानोमां किल्लो तथा यमुनानो पुल मुख्य छे. १९९ झुसीमां कीशोरीलालनी धर्मशालामां उतर्या अने डाकबंगलामां रात रह्या स्टेशन छे. अहिंनी धर्मशालामा घणी सगवडता पूर्वक मुसाफरोनी इच्छानुसार मोटा पाया ऊपर सदाव्रत अपाय छे, अहिंथी जौनपुर थइ गोरखपुर तरफ एक पाकी सडक गइ छे. २०० गोपीगंजमां पुरुषोत्तमदास चौधरीना मकानमां उतर्या. गाम बहार लक्ष्मीनारायण बघेल जमीनदारना मकानमां रात रह्या. स्टेशन अने बजार छे. अहिंथी मीरजापुरनी ( मा० १२) पाकी सडक छे. मा० नं० ४५५ पासे लालानगरमां डाकबंगलो छे. मा० नं० ४५०-३ पासे ओराइना थाणाथी मीरजापुरनी पाकी सडक (मा० ८) गइ छे. मीरजापुरमां श्रा. घर १०, देरासर ९ अने उपाश्रय १ छे. २०१ महाराजगंज; सडक ऊपर तलाव, शिवालय अने कुवो छे त्यां उतर्या. सडकथी गाम १ फर्लांग दूर छे. गाममां महावीर हलवाइ उतरवानी जग्या आवे छे. बजार छे,
SR No.006292
Book TitleVihar Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1926
Total Pages158
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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