SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 189
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६४ नव पदार्थ (६) जिस नामकर्म से निर्मल तैजस शरीर की प्राप्ति होती है उसको 'शुभ तैजस शरीर नामकर्म' कहते हैं ( गा० १० ) । पाचन क्रिया करनेवाला शरीर तैजस शरीर कहलाता है । यह तैजस वर्गणा के पुद्गलों से रचित होता है। तेजोलेश्या और शीतलेश्या का कारण तैजस शरीर ही होता है। • (१०) जिस नामकर्म से निर्मल कार्मण शरीर की प्राप्ति होती है उसको 'शुभ कार्मण शरीर नामकर्मा कहते हैं (गा० १० ) । कर्म वर्गणा के पुद्गल आत्म-प्रदेशों में प्रवेश कर कर्म रूप में परिणत होते हैं । इन कर्मों का समूह ही कार्मण शरीर है । (११) जिस नामकर्म से औदारिक शरीर के अडोपांग सुन्दर होते हैं उसको 'शुभ औदारिक अङ्गोपांग नामकर्म' कहते हैं (गा० १०) । (१२) जिस नामकर्म से वैक्रियक शरीर के अंगोपांग सुन्दर होते हैं उसको शुभ वैक्रियक शरीर अङ्गोपांग नामकर्म' कहते हैं (गा० १०) | (१३) जिस नामकर्म से आहारक शरीर के अंगोपांग सुन्दर होते हैं उसे 'शुभ आहारक अंगोपांग नामकर्म' कहते हैं (गा० १०)। यह स्मरण रखना चाहिए कि अंगोपांग केवल औदारिक, वैक्रियक और आहारक इन तीन शरीरों के ही होते हैं, तैजस और कार्मण शरीर के नहीं। जिस तरह जल का स्वयं का आकार नहीं होता पर वह बरतन (पात्र) के अनुसार आकार ग्रहण करता है उसी तरह तैजस और कार्मण शरीर का आकार अन्य शरीरों के आकार की तरह होता है । इसलिए उनके अंगोपांग नहीं होते । (१४) जिस कर्म के उदय से प्रथम संहनन - वज्रऋषभनाराच की प्राप्ति होती है उसे —शुभ वज्रऋषभनाराच नामकर्म' कहते हैं (गा० ११)। अस्थियों के परस्पर गठन को संहनन कहते हैं । वज्र - कील । ऋषभ-पट | नाराच=मर्कटबन्ध | जहाँ अस्थियाँ मर्कट-बंध से बंधी हों, उनपर अस्थि का पट हो, बीच में अस्थि की कील हो- शरीर की अस्थियों का ऐसा बन्धन 'वज्रऋषभनाराच संहनन' कहलाता है । मोक्ष ऐसे संहननवाले व्यक्ति को ही मिलता है । 1 (१५) जिस नामकर्म के उदय से प्रथम संस्थान - 'समचतुरस्र की प्राप्ति होती है उसे 'शुभ समचतुरस्र संस्थान नामकर्म' कहते हैं (गा० ११) । '
SR No.006272
Book TitleNav Padarth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Rampuriya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy