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________________ मन्त्र और मातृकाएं : 51 द-आत्म शक्ति प्रकाशक, वशीकरण बीजों को उत्पन्न करने वाला ध-श्रीं और क्लीं बीजों का सहायक, माया बीजों का जनक । न-आत्मसिद्धि का सूचक, जल तत्त्व का निर्माता, आत्म नियन्त्रक । प-परमात्मा का सूचक, जलतत्वमय, समग्र सहायक फ-वायु और जल तत्त्व से युक्त, स्वर और रेफ के योग में विध्वंसक ब-अनुस्वर युक्त होने पर विघ्न विनाशक, सिद्धिदायक भ-मारण, उच्चारन में उपयोगी, निरोधक। म-सिद्धिदायक, सन्तान प्राप्ति में सहायक य-शान्ति साधक, मित्र प्राप्ति में सहायक, इंच्छित प्राप्ति में सहायक। र-अग्निबीज, कार्य साधक, शक्ति सफोटक ल-लक्ष्मी प्राप्ति में सहायक, कल्याण सूचक व-सिद्धिदायक, ह, र, और अनुस्वार के योग में चमत्कारी। श-विरक्ति, शान्ति दायक ष-आह्वान बीजों का जनक, सिद्धिदायक, रुद्रबीज-जनक स-इच्छापूर्तिकारक, पौष्टिक, आकरण नाशक ह-शान्तिदायक, साधना में उपयोगी, समस्त बीज जनक
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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