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________________ - - मातृका वर्ण 4 त थ लाल आकार महिमा परम कुण्डली सर्वसिद्धिदायक कुण्डली मंगल साधक परम कुण्डली चतुर्वर्गप्रद फलप्रद . कुण्डली मित्रवत् फल । प्रलम्ब आत्मनियन्ता राशि ग्रह तत्त्व . विशेष .मकर बृहस्पति वायु सारस्वत सिद्धिदाता ___ अग्नि स्वर संयोग में मोहक " " भूमि आत्मशक्ति का प्रस्फोटक " " जल आकाश जलतत्त्व का स्रष्टा पीत लाल शुभ्र कुम्भ लाल शुभ्र परम कुण्डली सर्वकार्य साधक प्रलम्ब कार्यसाधक कुण्डली फलप्रद विघ्नोत्पादक परम कुण्डली सिद्धिदायक " 144444 | 44 4 4 4 4 वायु जलतत्त्वमय अग्नि फट ध्वनि के योग से उच्चाटक भूमि अनुस्वार मुक्त होने पर विघ्न विनाशक जल आकाश सन्तान प्राप्ति में सहायक श्याम लाल ___" " " " श्याम मीन चतुष्कोण द्विकुण्डली सोम लाल शान्तिदायक शक्ति केन्द्र लक्ष्मी प्राप्ति रोगहर्ता वायु अभीष्ट सिद्धि का कारण अग्नि गतिवर्धक भूमि जल बाधानाशक पीत " कुण्डली
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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