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________________ प्रश्न १८. साधु . परमेष्ठी का प्रतीक रंग कौनसा ?. उसका महत्व क्या है? . . उत्तर साधु परमेष्ठी का प्रतीक रंग श्याम (घन-श्याम श्याम और नील रंग का मिश्रण) . ... . . ... ... महत्त्व - यह रंग आत्म-शोधन परक है । अपनी कमियों की ओर संकेत करता है । कर्म कालिमा को नष्ट करने का संकेत देता है । मानव को अध्यात्म केन्द्रित करता है । खुद को जय करो । यह. वर्ण ... शरीर की निष्क्रियता और अकर्मण्यता दूर करता है । साधु-परमेष्ठी ... अनथक संघर्ष के प्रतीक हैं। . ............ .. प्रश्न १९.. पंचपरमेष्ठी रत्नत्रय (सम्यक् दर्शन, ज्ञान और चारित्र के ..... प्रतिनिधि हैं - बताइए कौन किसका प्रतिनिधि है? ... उत्तर:- अरिहन्त-सिद्ध . सम्यग्दर्शन . के . प्रतिनिधि हैं । . . : आचार्य .. उपाध्याय. . . सम्यग्यान के प्रतिनिधि हैं । साधु - सम्यक् चरित्र के प्रतिनिधि है । . नोट - यह प्रधानता परक उत्तर है । सामान्यतया सभी परमेष्ठी . . रत्नत्रय हैं। . . . . . 'प्रश्न २० यह महामन्त्र कितनी साँसो में उच्चरित होना चाहिए और क्यों? उत्तर - यह महामन्त्र कुल तीन सन साँसों में उच्चारित होना चाहिए । प्रथम श्वास में प्रथम-द्वितीय परमेष्ठी, द्वितीय श्वास में तृतीय - चतुर्थ परमेष्ठी और तृतीय श्वास में पंचम परमेष्ठी का जपन उत्कृष्ठ है। गुणक्रम भी यही है । वैसे भक्त ५ श्वासों में अथवा एक श्वास में भी अपनी शक्ति के अनुसार करते हैं । तीन संख्या दर्शन, ज्ञान और चारित्र-परक भी है। संख्यात्मक उच्चारण से मूलाधार से सहस्रार चक्र तक ऊर्जा तरंगित होती है - यह प्राण चेतना है । 2182 .
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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