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चउण्हं सिक्खावयाणं, बारसविहस्स सावग-धम्मस्स जं खण्डियं, जं विराहियं, तस्स मिच्छामि दुक्कडं। [यहाँ तीन बार 'तिक्खुत्तो' से गुरु-वन्दन कर श्रावक सूत्र की आज्ञा लें और निम्न पाठ खड़े-खड़े बोलें।]
| समय अतिचार चिन्तन । तस्स सव्वस्स, देवसियस्स, अइयारस्स दुब्भासियस्स, दुविचिंतियस्स, दुच्चिट्ठियस्स, आलोयंते पडिक्कमामि । [श्रावक सूत्र पढ़ते समय दाहिना घुटना ऊँचा करके और बायाँ घुटना नीचा करके बैठे।]
| नमस्कार सूत्र | नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्व साहूणं।
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र