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झूठे लेख लिखे हों, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। | तृतीय सत्य व्रत के अतिचार तीसरा स्थूल अदत्तादान विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ
चोर की चुराई वस्तु ली हो, चोर को सहायता दी हो, राज्य-विरुद्ध किया हो, झूठा तोल, झूठा माप किया हो, वस्तु में भेल-संभेल किया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। | चतुर्थ ब्रह्मचर्य व्रत के अतिचार
चौथा स्थूल स्वदारसंतोष परदारविवर्जनरूप मैथुन विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँइत्वरिक-परिगृहीता से गमन किया हो, अपरिगृहीता से गमन किया हो,
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श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र