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राज्य-विरुद्ध किया हो, झूठा तोल, झूठा माप किया हो, वस्तु में भेल-संभेल किया हो, तो आलोऊँ।
चौथा स्थूल स्वदारसंतोष परदारविवर्जनरूप मैथुन विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँइत्वरिक-परिगृहीता से गमन किया हो, अपरिगृहीता से गमन किया हो, अनंगक्रीड़ा की हो, पर-विवाह कराया हो, काम-भोग की तीव्र अभिलाषा की हो, तो आलोऊँ।
पाँचवाँ स्थूल परिग्रह-परिमाण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ
क्षेत्र-वास्तु के परिमाण का अतिक्रमण किया हो, हिरण्य-सुवर्ण के परिमाण का अतिक्रमण किया हो,
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श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र