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[ प्रणिपात सूत्र - नमोत्थुणं दो बार बोलें] सामायिक समाप्ति सूत्र
ऐसे नवमें सामायिक व्रत के विषय में, जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँसामायिक में मन, वचन, काय के अशुभ योगों को प्रवर्त्ताये हों, सामायिक की संभालना न की हो, अधूरी पारी हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
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सामायिक में दश मन के, दश वचन के,
बारह काया के, इन बत्तीस दोषों में से जो कोई दोष लगा हो
तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
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सामायिक में राज कथा, देश कथा स्त्री कथा, ४ भक्त कथा;
४. श्राविकाएँ 'पुरुष कथा' बोलें ।
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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