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सम्यक्त्व सूत्र अरिहंतो मह देवो,
जावजीवं सुसाहुणो गुरुणो। जिण-पण्णत्तं तत्तं,
इय सम्मत्तं मए गहियं॥
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[पंचिंदिय एक बार बोलें] | गुरु-गुण स्मरण सूत्र पंचिंदिय-संवरणो,
____ तह नवविह-बंभचेर-गुत्तिधरो। चउव्विह-कसाय-मुक्को,
इअ अट्ठारस-गुणेहिं संजुत्तो॥२॥ पंच-महव्वय-जुत्तो,
पंचविहायार-पालण-समत्थो। पंच-समिओ तिगुत्तो,
छत्तीस-गुणो गुरु मज्झ॥३॥
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श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र