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सामायिक सूत्र और उसकी विधि[शान्त तथा एकान्त स्थान में भूमि का अच्छी तरह प्रमार्जन कर तथा शुद्ध आसन लेकर, गृहस्थ-वेश पगड़ी, पाजामा, कोट, कुर्ता आदि उतारकर, शुद्ध वस्त्र धोती एवं उत्तरासन धारण कर, मुख-वस्त्रिका बाँधकर, पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके बैठकर या खड़े होकर सामायिक सूत्र के पाठों को इस प्रकार बोले-चित्र संख्या १ देखें।
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श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र