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उत्तर दिशा की ओर मुख करके भगवान श्री महावीर को तथा धर्माचार्य (धर्मगुरु) को वन्दन करें, बाद में सभी स्वधर्मी बन्धुओं को हाथ जोड़, मान मोड़ नीचे मस्तक झुकाकर अन्तःकरण से खमाता हूँ, ऐसा कहें। __ प्रतिक्रमण में खास सूचना है कि जहाँ-जहाँ 'देवसिय' शब्द आवे वहाँ-वहाँ प्रातःकाल के प्रतिक्रमण में 'राइय सम्बन्धी', पाक्षिक प्रतिक्रमण में 'पक्खी सम्बन्धी', चौमासी प्रतिक्रमण में 'चौमासी सम्बन्धी' और सांवत्सरिक प्रतिक्रमण में 'संवत्सरी सम्बन्धी' बोलना चाहिए।
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आवक प्रशिक्ष्मण सूत्र -
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र