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________________ जागे युवा शक्ति । तीन अवस्थाएँ प्रकृति का यह कैसा अटल नियम है, कि प्रत्येक चेतन पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती हैं-बचपन, यौवन और बुढ़ापा । चाहे आप जगत की महानतम शक्ति-सूर्य को देखिए, चाहे एक नन्हें से पुष्प को । सूर्य उदय होता है, उसकी किरणें कोमल और सुहावनी होती हैं, प्रातःकाल की कोमल धूप अच्छी लगती है । मध्यान्ह में सूर्य पूरे यौवन पर आता है तो धूप प्रचंड और असह्य हो जाती है । शरीर को सुहावनी लगने वाली किरणें जलाने लग जाती हैं । सायंकाल होते-होते सूर्य बुढ़ापे की गोद में चला जाता है, तब तेज, मन्द पड़ जाता है, किरणें शान्त हो जाती हैं।
SR No.006267
Book TitleJage Yuva Shakti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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