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________________ (४८) और उसके पुत्र मणिशेखर को राजसभा में बुलाया । मणिशेखर राजसभा में उपस्थित हुआ । वेशभूषा, रंग-रूप, व्यवहार, बोलचाल से बिल्कुल श्रेष्ठीपुत्र जैसा ! लगता ही नहीं, यह चोरी कर सकता है । राजा ने पूछा रात को कहां घूम रहे थे ? चोरी करने निकला था। कहां चोरी की ? राजा के खजाने में । कितनी पेटी ? ___ दो पेटी का माल साफ किया, तीन पेटी ज्यूं की त्यूं छोड़ दीं। राजा ने तीखी नजरों से पहरेदारों की तरफ देखा, वे सब थर-थर कांपने लग गये । गर्ज कर पूछा राजा ने-सच बोलो ! कितनी पेटी चोरी हुई ? यह चोर खड़ा है सामने ! इसने दो पेटी का माल चोरी किया है, बाकी तीन का माल कहां गया ? चोर कौन है ?
SR No.006267
Book TitleJage Yuva Shakti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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