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________________ 358... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम • इस मुद्रा को धारण करने से पृथ्वी एवं वायु तत्त्व संतुलित रहते हैं। यह मानसिक शक्ति एवं स्मरण शक्ति की नजाकत का पोषण करती है और शरीर को बलशाली एवं शक्तिशाली बनाती है। • यह मुद्रा करने से मूलाधार एवं अनाहत चक्र जागृत होते हैं। इससे शरीर निरोगी, कार्य में दक्षता, वक्तृत्व, कवित्व आदि शक्तियों का जागरण एवं हृदय में दया, करूणा, मैत्री आदि के भावों का प्रस्फुटन होता है। • शक्ति एवं आनंद केन्द्र को जागृत कर यह मुद्रा कुण्डलिनी शक्ति को प्रकट कर साधना को विकसित करती है। 46. होरनो-इन् मुद्रा __भारत में इसे शंख मुद्रा कहते हैं। यह मुद्रा किसी विश्वसनीय के आह्वान एवं धर्म संघ के हस्तांतरण की सूचक है। दोनों हाथों में समान मुद्रा की जाती है। शेष वर्णन पूर्ववत। बोरनो-इन् मुद्रा
SR No.006256
Book TitleBauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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