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286... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
11. क्षेपण मुद्रा
प्रस्तुत मुद्रा भारतीय बौद्ध की महायान परम्परा से सम्बन्धित है। यह शाश्वत अमृत को छांटने की सूचक है । यह कमर के स्तर पर धारण की जाती उत्तराबोधि मुद्रा के समान है। इस मुद्रा के दो रूप देखे जाते हैं। दोनों ही महायान परम्परा से सम्बद्ध है।
प्रथम विधि
हथेलियों को परस्पर में संयोजित करें, फिर तर्जनी को नीचे की ओर फैलाकर आपस में संयुक्त करें। मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका को बाह्य तरफ अन्तर्ग्रथित करें तथा बायां अंगूठा दायें पर क्रॉस करता हुआ रहे, इस स्थिति में क्षेपण मुद्रा बनती है | 12
क्षेपण मुद्रा- 1
सुपरिणाम
• यह मुद्रा जल एवं आकाश तत्त्व को संतुलित करते हुए शिराओं एवं धमनियों में रक्त स्राव को सम्यक करती है। इससे हृदय मजबूत एवं शरीर की कान्ति एवं स्निग्धता बढ़ती है।