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अध्याय-9
भारतीय बौद्ध में प्रचलित मुद्राओं का स्वरूप
एवं उनका महत्त्व
भारतीय वटवृक्ष की एक प्रमुख शाखा है बौद्ध संप्रदाय। भगवान बुद्ध का जन्म, विचरण, बोधि प्राप्ति एवं निर्वाण आदि प्रमुख घटनाएँ भारत से ही सम्बन्धित है। भारतीय बौद्ध परम्परा में वज्रायना देवी तारा की उपासना को अधिक प्रमुखता दी गई है एवं अधिकांश मुद्राएँ उन्हीं के समक्ष की जाती है। इनमें से अधिकतर मुद्राएँ द्रव्य अर्पण एवं तान्त्रिक साधना से सम्बन्धित है। प्राप्त ग्रन्थों के अनुसार उनका स्वरूप इस प्रकार है1. आलोक मुद्रा
यह तांत्रिक मुद्रा भारत के बौद्ध अनुयायियों द्वारा धारण की जाती है। आलोक का अर्थ है- प्रकाश, उजाला, चांदनी। तदनुसार यह मुद्रा दीपक की
आलोक मुद्रा