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168... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
सर्व धर्मः मुद्रा
तथा शारीरिक दुर्बलता, मोटापा, रूखापन आदि दूर होता है। • मणिपुर एवं मूलाधार चक्र को प्रभावित करते हुए शारीरिक आरोग्य एवं कान्ति को बढ़ाती है।
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एड्रिनल एवं गोनाड्स की कार्य क्षमता को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा व्यक्ति को सहनशील, आशावादी, तनाव मुक्त बनाती है तथा रक्तचाप, सिरदर्द, एलर्जी आदि की समस्याओं से मुक्त करती है।
2. सर्व तथागतेभ्यो मुद्रा
मुद्रा
बौद्ध आम्नाय में स्वीकृत 'म - म मडोस्' सम्बन्धी छ: मुद्राओं में से यह दूसरी है। सामान्य रूप से रत्न मंजूषा की सूचक इसे माना गया है और विशेष रूप से श्वेत टोरमा अर्पण को सूचित करती है। इस मुद्रा को वज्रायना देवी तारा के समक्ष किया जाता है। यह संयुक्त मुद्रा दोनों हाथों में प्रतिबिंब की भाँति बनती है। मुद्रा मन्त्र यह है