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अष्टमंगल से सम्बन्धित मुद्राओं का स्वरूप एवं मूल्य... ...109 1. निधि घट मुद्रा
बौद्ध (वज्रायन) परम्परा की यह मुद्रा आठ मांगलिक चिह्नों में से एक है। यह चिह्न किसी विशेष मेहमान के आने पर प्रदर्शित किया जाता है। मूलत: यह मुद्रा कुम्भ-कलश की सूचक है। इस मुद्रा में दोनों हाथ एक-दूसरे के प्रतिबिम्ब भासित होते हैं। इस मुद्रा के समय मन्त्र बोला जाता है वह निम्न है- 'ओम् निधिघट प्रतिच्छा स्वाहा।' यह मुद्रा युगल हाथों से छाती के स्तर पर धारण की जाती है। विधि ___दोनों हथेलियों को एक-दूसरे के सम्मुख रखते हुए नीचे के गादी के स्थान को परस्पर मिलाएँ, अंगुलियों और अंगूठों के अग्रभागों का स्पर्श करवाएँ तथा हथेलियों के बीच में खाली जगह छोड़ें, इस तरह निधिघट मुद्रा बनती है।
सुपरिणाम निधि घट मुद्दा ___ • यह मुद्रा करने से शरीरगत अग्नि एवं वायु तत्त्व प्रभावित होते हैं। इनके संयोग से गैस की समस्तं विकृतियाँ दूर होती है। इसी के साथ शान्ति का