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भगवान बुद्ध की मुख्य 5 एवं सामान्य 40 मुद्राओं की......45 को संतुलित करते हुए यह शरीर में शर्करा, पाचन, पित्ताशय, लीवर, रक्त परिभ्रमण, रक्तचाप आदि का संतुलन एवं चारित्र गठन करती है। 5. भूमिस्पर्श मुद्रा
इस मुद्रा का वर्णन बुद्ध की मुख्य पाँच मुद्राओं के अन्तर्गत कर दिया गया है।
भूमि स्पर्श मुद्रा
6. पेंग लिला मुद्रा (चलने की मुद्रा)
यह मुद्रा थायलैण्ड में पेंग् लिला और भारत में लोलहस्त अभय मुद्रा के नाम से पहचानी जाती है। भगवान बुद्ध के द्वारा धारण की गई 40 मुद्राओं में से छठवीं मुद्रा है। बुद्ध भगवान जब चलते थे तब उनके पैरों की जो स्थिति बनती थी उसे ही हस्त मुद्रा के द्वारा दर्शाया गया है। यह भगवान बुद्ध के गमन की सूचक मुद्रा है।