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________________ 290... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... 12. (क) मज्झे। चैत्यवंदनभाष्य, गा. 8 (ख) जिन गृह व्यापार निषेध रूपां द्वितीयां नैषधिकीं। धर्मसंग्रह वृत्ति, पृ. 41 (ग) चैत्यवंदन कुलक, पृ. 48 13. तइया चिइवंदणासमए। (क) चैत्यवंदन भाष्य, गा. 8 (ख) चैत्यवंदनकुलक, पृ. 98. 14. चैत्यवंदन कुलक, पृ. 98 15. पंचाशक प्रकरण, 4/20 16. (क) श्राद्ध विधि प्रकरण, पृ. 117 (ख) क्षीरोदकादिकं श्वेतमव कार्यम्। धर्मसंग्रह स्वोपज्ञ वृत्ति, पृ. 17 17. (क) षोडशक प्रकरण, 8 (ख) श्राद्ध विधिप्रकरण, पृ. 117 18. (क) मंगलं जिनशासनम्, पृ. 12 (ख) श्राद्धविधि प्रकरण, पृ. 124 19. वही 20. श्राद्धविधि प्रकरण, पृ. 123 21. तत्त्वार्थ सूत्र, 7/8 22. अक्षतैश्चाखण्डै रौप्यसौवर्ण: शालेयैर्वा जिनपुरतो दर्पण 1 भद्रासन 2 वर्द्धमान 3 श्रीवत्स 4, मत्स्ययुग्म 5 स्वस्तिक 6 कुम्भ 7 नन्दावर्त: रूपाष्टमंगलानालेख्येत। धर्मसंग्रह स्वोपज्ञ वृत्ति, पृ. 24 23. श्राद्धदिनकृत्य, पृ. 134
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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