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________________ 329 346 271 366 आलस्सं तु परिण्णाए 7, 3 266 एस एव विवण्णासो 9, 8 272 आलस्सेणावि जे केइ 7, 2 265 एसा किसी सोभतरा 32, 3 376 आवज्जती समुग्घातो 9, 28 277 कंचणस्स जहा धातू 9, 26 277 आसज्जमाणे दिव्वम्मि 45, 51 434 कन्तारे वारिमज्झे वा 24, 1 आहारत्थी जहा बालो 15, 10 297 कज्जणिव्वत्तिपाओग्गं 38, 24 408 आहारादि तु जीवाणं 45, 17 ___427 कतरे धम्मे पण्णत्ते 26, 1 आहारादीपडीकारो 45, 49 434 कतो छेत्तं, कतो बीयं 32, 1 376 इच्छन्तेणिच्छते इच्छा 40, 4 414 कन्ती जा वा वयोवत्था 24, 18 333 इच्छा बहुविधा लोए 40, 1 413 कम्मभावेऽणुवत्तन्ती 24, 16 332 इच्छाभिभूया न जाणन्ति 40, 2 413 कम्ममूलमनिव्वाणं १, 1 इच्छामूलं नियच्छन्ति 40, 3 413 कंदमूला जहा वल्ली 24, 20 333 इत्थी उ बलवं 22,7 323 कम्मस्स संतई चित्तं 24, 38 338 इत्थीऽणुगिद्धे वसए 6, 9 263 कम्मायाणेऽवरुद्धम्म 9, 22 276 इध जं कीरते कम्मं 30, 1 365 कल्लाणं ति भणन्तस्स 30, 7 इन्दासणी ण तं कुज्जा 45, 43 433 कल्लाणमित्तसंसग्गिं 33, 16 381 इन्दिएहिं सुदन्तेहिं 29, 15 363 कल्लाणा लभति कल्लाणं 30, 4 366 इमा विज्जा महाविज्जा, 17, 1 306 कसाया मलणं तस्स 26, 14 349 इय उत्तमगंथछेदए 8, 1 267 कामं अकामकामो 7, 4 इहेव कित्तिं पाउणति 33, 8 379 कामग्गहविणिम्मुक्का 28, 18 357 इहेवाकित्ति पावेहिं 33,6 379 कामभोगाभिभूतप्पा 28, 10 .. उक्कड्ढतं जधा तोयं 9, 13 273 काममोहितचित्तेणं 28, 11 उच्चं वा जइ वा णीयं 24, 13 332 कामसल्लमणुद्धित्ता 28, 6 355 उच्चादीयं विकप्पं तु 28, 23 359 कामाण मग्गणं दुक्खं 28, 9 उच्छायणं कुलाणं तु 22, 5 323 कामा मुसामुही तिक्खा 45, 46 433 उवक्कमो य उक्केरो 9, 12 273 काले काले य मेहावी 28, 21 358 उव्विवारा जलोहन्ता 45, 14 426 किं कज्जते उ दीणस्स 34, 3 एकं भवं दहे वण्ही 36, 4 396 किमु दन्तस्स रण्णेणं 38, 14405 एतं किसिं कसित्ताणं 26, 15 349 कोध-माण-परिण्णस्स 5, 4 260 एयं किसिं कसित्ताणं 32, 4 377 कोवमूलं णियच्छन्ति 36, 14 398 एवं अणेगवण्णागं 38, 4 402 कोवो अग्गी तमो मच्चू 36, 1 395 एवं जिणिन्दआणाए 45, 42 432 कोसीकिते व्वऽसी तिक्खो 45, 45 433 एवं तवोबलत्थे वि 36, 10 397 कोहं जो उ उदीरेई 3, 6 248 एवमेतं करिस्सामि 24, 14 332 कोहाविद्धा ण याणन्ति 36, 13 398 504 इसिभासियाई सुत्ताई 266 356 356 355 386
SR No.006236
Book TitleRushibhashit Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar, Sagarmal Jain, Kalanath Shastri, Dineshchandra Sharma
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2016
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_anykaalin
File Size33 MB
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