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________________ है। यह ग्रन्थ भारतीय समन्वयात्मक एवं उदार जीवन दृष्टि का स्पष्ट प्रमाण है। आज जब हम साम्प्रदायिक अभिनिवेश एवं विद्वेष में आकण्ठ डूबे हुए हैं यह महान ग्रन्थ हमारा मार्गदर्शक हो सकता है। आशा है इस ग्रन्थ का व्यापक प्रसार हमें साम्प्रदायिक मतान्धता से मुक्त कर सकेगा । आभार मैं सर्वप्रथम तो प्राकृत भारती अकादमी के मन्त्री श्री देवेन्द्रराज मेहता एवं महोपाध्याय विनयसागरजी का आभारी हूँ जिनके अत्यधिक आग्रह और धैर्य के कारण यह विस्तृत प्राक्कथन शीघ्र पूर्ण हो सका है। यद्यपि इस सम्बन्ध में अभी भी अधिक गम्भीर चिन्तन अपेक्षित है । आशा है हमारे युवा विद्वान् इस कमी को पूरा करेंगे। मेरे कारण इस ग्रन्थ के प्रकाशन में भी पर्याप्त विलम्ब हुआ है इसके लिए मैं प्रकाशकों और पाठकों दोनों के प्रति क्षमाप्रार्थी हूँ। साथ ही मैं प्रो. शुब्रिंग आदि उन सब विद्वानों का भी आभारी हूँ जिन्होंने इस महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ के सम्बन्ध में शोधपरक दृष्टि से चिन्तन और विचारविमर्श किया तथा जिनके लेखनों से मैं लाभान्वित हुआ हूँ। इसी प्रकार मैं Dictionary of Pali Proper Names, Prakrit Proper Names, f कोश, महाभारतनामानुक्रमणिका आदि के लेखकों का भी आभारी हूँ जिनके कारण अनेक सन्दर्भ मुझे सहज सुलभ हो सके। अन्त में प्रो. मधुसूदन ढाकी एवं मेरे शोधछात्र और सहयोगी डॉ. अरुणप्रताप सिंह, डॉ. शिवप्रसाद, डॉ. अशोककुमार सिंह आदि का आभारी हूँ जिनका इस प्राक्कथन को पूर्ण करने में मुझे सहयोग मिला है। - सागरमल जैन आचार्य एवं अध्यक्ष, दर्शन विभाग म. ल. बा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, ग्वालियर सन्दर्भ ग्रन्थ : 1. (अ) से किं कालियं? कालियं अणेगविहं पण्णत्तं । तं जहा उत्तरज्झयणाई 1, दसाओ 2, कप्पो 3, ववहारो 4, निसीहं 5, महानिसीहं 6, इसिभासियाई 7, जंबुद्दीवपण्णत्ती 8, दीवसागरपण्णत्ती । नन्दिसूत्र 84। — (महावीर विद्यालय, बम्बई 1968 ) (ब) नमो तेसिं खमासमणाणं जेहिं इमं वाइअं अंगबाहिरं कालिअं भगवंतं । तं जहा—1, उत्तरज्झयणाई 2, दसाओ 3, कप्पो 4, ववहारो 5, इसिभासिआई 6, निसीहं 7, महानिसीहं.....। ऋषिभाषित : एक अध्ययन 115
SR No.006236
Book TitleRushibhashit Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar, Sagarmal Jain, Kalanath Shastri, Dineshchandra Sharma
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2016
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_anykaalin
File Size33 MB
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