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ॐ वज्राङ्कुश्यै स्वाहा ७. ॐ काल्यै स्वाहा १०. ॐ गान्धार्यै स्वाहा १२. ॐ मानव्यै स्वाहा १५. ॐ मानस्यै स्वाहा
नमोऽर्हत्
६. ॐ पुरूषदत्तायै स्वाहा ९. ॐ गौर्यै स्वाहा
५. ॐ अप्रतिचक्रायै स्वाहा ८. ॐ महाकाल्यै स्वाहा ११.ॐ सर्वास्त्रा महाज्वालायै स्वाहा १३. ॐ वैरोट्यायै स्वाहा १६. ॐ महामानस्यै स्वाहा
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१४.ॐ अच्छुप्तायै स्वाहा
वलय छहुँ.......
(यंत्रमां झुसुमांसी भांडलामां अक्षत हाडभ २-२, जरी २-२ ) रक्खंतु मम रोहिणी, पन्नत्ती वज्जसिंखला य सया । वज्जंकुसि चक्केसरि, नरदत्ता काली महाकाली ।। ५ ।। ह्रीँ स्वाहा गोरी तह गंधारी, महजाला माणवी अ वइरूट्टा ।
अच्छुता माणसिआ, महमाणसिया उ देवीओ ।। ६ ।। ह्रीँ स्वाहा
ॐ नमो जिणाणं, सरणाणं, मंगलाणं, लोगुत्तमाणं, हाँ ह्रीँ हूँ हूँ ह्रीँ ह्रः अ-सि-आ-उ-सा त्रैलोक्य
ललाम-भूताय, क्षुद्रोपद्रव शमनाय अर्हते नमः स्वाहा ।
ॐ ह्रीँ श्री परमपुरुषाय...... जलादिकं यजामहे स्वाहा (अष्टप्रकारी पूजा)
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