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________________ बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय ४८ (२२७) चन्द्रप्रभ - पंचतीर्थी संवत् १५३४ वर्षे माह सुदि ६ शनौ ऊके० मूंदो गो० साढ़ा भा० नेतू पु० ध आभा महिया भा० कान्ह पु० गंगा भा० लिक्ष्मी पु० चांपा भा० चांपलदे पित्र श्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभ बिंबं का० प्रति० श्रीबृहद्गच्छे श्रीवीरचन्द्रसूरि पट्टे श्रीधनप्रभसूरिभिः ॥ (२२८) वासुपूज्य - पंचतीर्थी ॥ संवत् १५३५ वर्षे माह सुदि ९ प्राग्वाटज्ञातीय सांभरयागोत्रे सा० समरा भा० हानी पु० आल्हा देवसी आल्हा भा० आल्ही पु० ऊधा पद्मसी चांदा पंचायणयुतेन स्वश्रेयसे । श्रीवासुपूज्यबिंबं कारितं प्र० श्रीबृहद्गच्छीय भ० ज्ञानचन्द्रसूरिभिः ॥ (२२९) आदिनाथ - पंचतीर्थी संवत् १५३६ वर्षे का०सु० १५ बु० गोखरूगोत्रे सा० लोहट भा० संपई पुत्र सा० टिला भा० कउतिगदे भ्रातृ पारस भा० पाल्हणदे पु० छीता धर्मसी पितृ - आत्मश्रेयसे श्री आदिनाथबिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे ज्ञानचन्द्रसूरिभिः ॥ (२३०) सुमतिनाथ - पंचतीर्थी सं० १५३६ वर्षे वैशाख सुदि ८ भूमे उ० मंडलेचा गोत्रे सा० कूदा भार्या रंगादे पु० जइता ता आर जइता भा० जिस्मादे तास्मा भा० नारादे पु० अमरा आ० ० सुमतिनाथबिंबं का०प्र०बृ०ग० पुण्यप्रभसूरिभिः।। (२३१) शांतिनाथ - पंचतीर्थी सं० १५३६ फागुण सुदि ३ बाफणा गोत्रे सा० मूला भा० महगलदे पु०सा० धर्माकेन भा० अमरी पु० पेथाकाजासांतलसामल सकुटुंबयुतेन श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्रति० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमेरुप्रभसूरिभिः ।। २२७. महावीर स्वामी का मंदिर, बीकानेर, वही, लेखांक १२९८. २२८. चन्द्रप्रभ मन्दिर, कोटा, प्र०ले० सं०, भाग १, लेखांक ७९२. २२९. पंचायती मंदिर, जयपुर, प्र०ले०सं०, भाग १, लेखांक ७९७. २३०. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै० ले०सं०, लेखांक १०९६. २३१. सुपार्श्वनाथ का मंदिर, जैसलमेर, जै० ले०सं०, भाग ३, लेखांक २१९६.
SR No.006200
Book TitleBruhadgacchiya Lekh Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir
Publication Year2013
Total Pages82
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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