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________________ बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय ३४ (१५८) पद्मप्रभ पंचतीर्थी ॥ संवत् १४९२ वर्षे मार्ग वदि ५ गुरुवारे ओसवंशे नक्षत्र गोत्रे सा० काला भा० पूरी पु०सा०भाऊ खीमा श्रवणैः भ्रातृ नानिग ताल्हण श्रेयसे श्रीपद्मप्रभ बिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीसागरचन्द्रसूरिभिः ॥ (१५९) विमलनाथ - पंचतीर्थी सं० १४९३ जेठ वदि ३ मंगले उप० ज्ञा० पावेचा गोत्रे सा० वीरा भा० वील्हणदे पुत्र कुंभाकेन भा० कामलदे युतेन स्वश्रे० विमल बिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे देवाचार्यान्वये श्रीहेमचन्द्रसूरिभिः ।। छ ॥ (१६०) चन्द्रप्रभ - पंचतीर्थी संवत् १४९५ वर्षे फाल्गुन वदि ९ रविवारे ऊके० वंशे पावेचा गोत्रे सा० नींबा भा० कपूरदे पु० जगमालेन भा० मानू पु० चांपादि युतेन श्रीचंद्रप्रभ बिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे श्रीहेमचंद्रसूरि ॥ (१६१) संभवनाथ पंचतीर्थी सं० १४९७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ३ व्य० पर्वत सुत व पुरप सामल पु० भादा भा० हांसादे पु० देवसीकेन भा० हीरादे सहितेन स्व श्रेयसे श्रीसंभवनाथबिंबं का०वृ०भ० श्रीअमरचन्द्रसूरिभिः ॥ (१६२) वासुपूज्य पंचतीर्थी सं० १४९८ वर्षे फाल्गुण वदि १० सोमे उपकेशज्ञातीय वरडीया गोत्रे सा० पदमसीह भार्या पदमश्री पु० अर्जुन निजमातृपुण्यार्थं श्रीवासुपूज्यबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे भ० मुनीश्वरसूरिपट्टे श्रीरत्नप्रभसूरिभिः ॥ १५८. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, वही, लेखांक ७६४. १५९. धर्मनाथ जी का मंदिर, जोधपुर, जै० ले०सं०, भाग १, लेखांक ६१९. १६०. आदिनाथ जिनालय, कारंजा, प्र०ले०सं०, भाग २, लेखांक ६१. १६१. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी० जे०ले०सं०, लेखांक ७९४. १६२. महावीर जिनालय, चोथ का बरवाड़ा, प्र०ले०सं०, भाग १, लेखांक ३२५.
SR No.006200
Book TitleBruhadgacchiya Lekh Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir
Publication Year2013
Total Pages82
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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