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१५ बलै टोळा माहै उपगरण करै ते, पाना परत लिखै ते, टोळा मांहि थकां परत पाना पातरादिक सर्व वस्तु जाचै ते साथै ले जावण रा त्याग छै। एक बोदो चोलपटो, मुहपती, एक बोदी पिछेवरी, खंडिया उपरंत बोदा रजोहरणां उपरंत साथे ले जावणों नहीं,उपगरण सर्व टोळा री नेश्राय रा साधां रा छै। और अंसमात्र साथै ले जावण रा पच्चखांण छै। अनंता सिद्धां री साख करनै छै। धारा १४ वीं का स्पष्टीकरण
__कोइ पूछे-यां खेतरां में रहिण रा सूंस क्यूं कराया, तिण नैं यूं कहिणो-रागा धेखो वधतो जाण नैं, कलैश वधतो जाण नै, उपगार घटतो जाण नै, इत्यादिक अनेक कारण जाण नै कराया छै।
१६ तिलोकचंद चंदरभाण नै दशमा प्रायछित दीया विण माहै लेवण रा त्याग छै। माहै लेवा जोग नही छै।
१७ बलै कोइ याद आवै ते लिखणो, तिण रो पिण ना कहिण रा त्याग छै। सर्व कबूल छै। चेतावनी
सर्व साधां रा परिणाम जोय नै रजाबंध कर यां कनां सूं जूदो-जूदो कहिवाय नै मरजादा बांधी छै। जिण रा परिणाम चोखा हुवै ते आ मर्यादा ने ए सूंस आरै होयजो, कोई सरमासरमी रो काम छै नहीं। मूंडे और नै मन में ओर इम तो साधु नै करणो छै नही, इण लिखत में कोइ खूचणो काढणो नहीं, पछै कोइ ओर रो ओर बोलणो नहीं। अनंता सिद्धां री साख कर नै सारा रे पचखांण छै, ए पचखांण भांगण रा अनंता सिद्धां री साख सूं पचखांण छै। किण ही टोळा माहै अनेरा किण ही माहै जावा रा पचखांण छै। मर खपणो, पिण सूंस न भांगणो। ओ एहवी लिखत लिखतू ऋष भीखन रो छै। संवत् १८५९ रा माह सुदि ७ वार शनीसर १ लिखतू ऋष सुखराम ऊपर लिख्यो ते सही। २ लिखतू ऋष अखेराम ऊपर लिख्यो ते सही। ३ लिखतू ऋष खेतसी ऊपरलो लिख्यो ते सही ४ लिखतू ऋष नान जी ऊपरलो लिख्यो सही ५ लिखतू ऋष सुखा ऊपरलो लिख्यो सही ६ लिखतू ऋष उदराम ऊपरलो लिख्यो सही ७ लिखतू ऋष कुसाल ऊपरलो लिख्यो सही छै ८ लिखतू ऋष ओटे उपर लिखियो सही कर मान्यो छै ९ लिखतू ऋष रायचन्द उपरलो लिख्यो सही १० लिखतू ऋष डूंगरसी उपरलो लिख्यो सही ११ लिखत ऋष भघा उपर लिख्यो ते सही।
परिशिष्ट : लिखता री जोड़ : ४५३