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आयरिए आराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था विणं पूयंति, जेण जाणंति तारिसं॥ आयरिए नाराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं गरहंति, जेण जाणंति तारिसं॥
इति दशवकालिक में कह्यो । ते मर्यादा आज्ञा सुद्ध आराध्यां इह भव पर भवे सुख कल्याण हुवै।
ए हाजरी रची संवत् १९१४ रा भादवा विद ६।
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तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था