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घणा जाण्या। अपछंदा पिण घणा जाण्या। यां रा अनेक छळ छिद्र रो लखाव पड़यो जांण्यो, जद टोळा बारे काढ्या।" ए सर्व सेंतीसा रा लिखत में कह्यो।
इम जिलो जाणने अवनीत जाणने बारे किया। इम जिला ने घणो निषेध्यो छै। ते माटे जिलो बांधण रा सर्व सर्व साध-साधवियां रे त्याग छै।
तथा पचासा रा वर्ष साधा रे मरजादा बांधी-“किण ही साध-साधवियां में दोष देखे तो ततकाळ धणी ने कहिणो अथवा गुरां ने कहिणो ओरां ने न कहिणो। घणा दिन आडा घालने दोष बतावे तो प्राछित रो धणी उहीज छै। प्राछित रा धणी ने याद आवे तो प्राछित उण ने पिण लेणो नहीं लेवे तो उण ने मुसकळ छै।' एहवो पचासा रा लिखत में कह्यो।
तथा बावना रे वरस आर्या रे मर्यादा बांधी छै-किण ही साध आर्थ्यां मांहे दोष देखे तो ततकाळ धणी ने कहिणो तथा गुरां ने कहिणो पिण ओरां नै कहिणो नहीं तथा विनीत अवनीत री चोपी में पिण एहवी गाथा कही छै१ दोष देखे किण ही साध में, तो कहि देणो तिण ने एकंतो रे। जो उ माने नहीं तो कहिणो गुरु कने, ते श्रावक छै बुधिवंतो रे॥
सुवनीत श्रावक एहवा ।। २ प्राछित दिराय ने सुद्ध करे, पिण न कहे ओरां पास।
ते श्रावक गिरवा गंभीर छ, वीर बखाण्यां तास ।। ३ दोष रा धणी ने तो कहै नहीं, उणरा गुर ने पिण न कहै जाय।
और लोकां आगे कहितो फिरे, तिण री परतीत किण विध आय॥ इत्यादिक अनेक ठामे दोष रा धणी ने तथा गुरां ने कहिणो कह्यो। पिण ओरां ने न कहणो एहवो कह्यो। तथा घणा दिनां पछे न कहणो रास में बरज्यो छै। तथा साध सीखावणी ढाळ रा दूहा में घणा दिनां पछे दोष कहे तिण ने अपछंदो कह्यो, निरलज कह्यो, नागड़ो कह्यो, मर्यादा रो लोपणहार कह्यो, कषाय दुष्ट आत्मा रो धणी कह्यो छै।
तथा बावना रे वरस आर्सा रे मरजादा बांधी, तिण में एहवो कयो-"किण ही आर्यां दोष जाणने सेव्यो हुवे तो पाना में लिखियां विना विगै तरकारी खाणी नहीं। कदाच कारण पड्या न लिखे तो और आर्या ने कहिणो, सायद करने पछे पिण वेगो लिखणो। पिण विना लिख्यां रहणो नहीं। किण ही आ· आज पछे अजोगाइ कीधी तो प्रायछित तो देणो पिण उण ने च्यार तीर्थ में हेलणी निंदणी पड़सी। पछे कहोला म्हाने भांडे छै, मांहरो फितूरो करे छ। तिण सूं पहिलाइज सावधानरहिजो। अने सावधान न रही तो लोकां में भुंडी दीसोला। पछे कहोला म्हांने कह्यो नहीं, कोइ साध-साधव्यां रा अवगुण काढ़े तो सांभळण रा त्याग छै। इतरो कहिणो-'स्वामीजी ने कहिजो' एहवो बावनां रा लिखत में कह्यो।
१. लय-चन्द्रगुप्त राजा सुणो। २२६ तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था