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- [ 18 ] अहिंसा और हिंसा की समालोचना [ जैनी ]
[ स्थानकवासी ] जैनियों में धर्म उन्नति शासन उन्नति,जाति
स्थानक वासीयों की मान्यता मुजब धर्म
उन्नति. शास्त्र उन्नति या जाति उन्नति उन्नति पागम या परम्परा अनुसार प्रवृत्ति में जो हिंसा होती है, उसे जैनो स्वरूप
को प्रवृत्ति में जो हिंसा होती है उससे हिंसा मानते हैं।
स्थानकवासी बोधि बीज का नाश या मंदबुद्धि या नरक गामी मानते हैं।
1 ।
साधु ग्राम नगर विहार धर्म शासन उन्नति के लिये करे उसमें हिंसा होती है।
| ।। साधु ग्राम नगर विहार शासन उन्नति के
लिये करे उसमें हिंसा होती है।
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2 |
| साधु को रस्ते जाते नदी आवे तो प्राज्ञा मुजब उतरते हैं, इसमें हिंसा होती है।
पूर्ववत् ।
साध को रास्ते जावते नदी आवे तो उतरते हैं इसमें हिंसा होती है।