SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 128
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लज्जा ११० गुरुवाणी-२ तलाक सामान्य बात है। आज हमारा समाज कोली-वाघरी के समान हो गया। लाज जाते ही सब कुछ चला गया। अरे, सासु-बहू और पुत्री तीनों एक साथ वन्दन करने के लिए आए हों तो पूछना पड़ता है कि इसमें सासु कौन है, बहू कौन है और पुत्री कौन है? तीनों की वेशभूषा और पहनावा एक जैसा होता है। मन्दिर उपाश्रय में भी कोई मर्यादा नहीं रही। पहले के युग में किसी भी स्त्री का सिर खुला नहीं दिखाई देता था। जबकि आज दुनिया उलटी गति से चल रही है। कहीं भी सिर ढकी हुई स्त्रियाँ दृष्टिगोचर नहीं होती। जीवन में यदि लज्जा नाम का गुण आ जाता है, तो वह केवलज्ञान तक पहुँचा देता है। देखिए - चण्डरुद्राचार्य और शिष्य .... __एक नगर में चण्डरुद्र नाम के आचार्य किसी उद्यान में विराजमान थे। उनको संज्वलन कषाय का भयंकर उदय था। इसके कारण वे शिष्यों पर कुपित हो जाते थे। निमित्त मिलने के साथ ही क्रोध का उफान आ जाता था। इसीलिए निमित्तों से दूर रहने के लिए ध्यान में रहकर वे स्वयं एकान्त स्थान में बैठते थे। थोड़ी दूरी पर उनके शिष्य स्वाध्याय ध्यान में मस्त रहते थे। एक समय नवविवाहित श्रेष्ठी पुत्र अपने समवयस्क मित्रों के साथ उद्यान में क्रीड़ा करने के लिए आया। उद्यान में मुनियों को देखकर सब लोगों ने उनकी वन्दना की। वन्दना भी भाव से नहीं मजाक में की थी। वन्दन करने के बाद किसी मजाकिये मित्र ने मुनि से कहा - हे भगवन् ! इस श्रेष्ठिपुत्र का कुरूप कन्या के साथ विवाह हो जाने के कारण इसको वैराग्य आ गया है इसीलिए वह आपके पास दीक्षा लेने के लिए आया है। मुनियों ने देखा कि ये सारे मित्र मजाकिया-हंसी कर रहे हैं इसीलिए उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण से वह मजाकिया मित्र बारम्बार कहने लगा। मुनि लोग कंटाल गये। स्वयं के स्वाध्याय में ये विघ्न रूप हो रहे हैं अतः उसे दूर करने के लिए एक मुनि ने कहा - जाओ, सामने ही हमारे गुरु महाराज बैठे हुए हैं वे दीक्षा देंगे। तत्काल ही
SR No.006130
Book TitleGuru Vani Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay, Jinendraprabashreeji, Vinaysagar
PublisherSiddhi Bhuvan Manohar Jain Trust
Publication Year
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy