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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। प्रश्न ५८ : द्रौपदी की पूजा हम प्रमाणिक नहीं मानते हैं।
उत्तर : क्या कारण ?
प्रश्न ५९ : द्रौपदी उस समय मिथ्यात्वी अवस्था में थी।
उत्तर : खेर इस चर्चा को रहने दीजिये परन्तु द्रौपदी को आज करीब ८७००० वर्ष हुए । द्रौपदी के समय जैनमंदिर और जिनप्रतिमा तो विद्यमान थीं और वे मंदिर मूर्तियाँ जैनियोंने अपने आत्म कल्याणार्थ ही बनाई इससे सिद्ध हुआ कि जैनों में मूर्ति का मानना प्राचीन समय से ही चला आया है । द्रौपदी के अधिकार में सूरियाभ देव का उदाहरण दिया है और राज प्रश्नीय सूत्र में सूरियाभदेवने विस्तारपूर्वक पूजा की है।
प्रश्न ६० : सूरियाभ तो देवता था उसने जीत