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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है।
७९ ५. अनुगमिताए - भवोभव में साथ
साधु वन्दन का फल तो मोक्ष बतलाया है पर मूर्तिपूजा का फल किसी सूत्र में मोक्ष का कारण बतलाया हो तो आप भी मूल सूत्र पाठ बतलावें?
उत्तर : सूत्र पाठ तो हम बतला ही देंगे पर आप जरा हृदय में विचार तो करें कि साधु को वंदन करना मोक्ष का कारण है तब परमेश्वर की मूर्ति पूजा में तो नमोत्थुणादि पाठों से तीर्थंकरों को वंदन किया जाता है । क्या साधुओं को वन्दन जितना ही लाभ तीर्थंकरो के वंदन पूजन में नहीं है ? धन्य है आपकी बुद्धि को।
प्रश्न ५६ : हो या न हो यदि सूत्रों में पाठ हो तो बतलाइये?
उत्तर : सूत्र श्री रायप्पसेणी में मूर्तिपूजा का फल इस प्रकार बतलाया हैं कि
१. हियाए - हित का कारण