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2. अप्काय (पानी): सभी प्रकार के पानी ओस, बादल का पानी, हरी वनस्पति पर रहा हुआ पानी, बर्फ, ओले वगैरह अप्काय ( पानी के जीव) हैं ।
नियम : -
अ) फ्रिज का पानी नहीं पीना, बर्फ का पानी नहीं पीना एवं बर्फ नहीं वापरना ।
आ) पानी नल में से बाल्टी में सीधा ऊपर से गिरे तो इन जीवों को आघात होता है । इसलिए बाल्टी को नल से बहुत नीचे नहीं रखना । जिससे पानी फोर्स से नीचे न गिरे । इ) गीजर का पानी उपयोग में नहीं लेना ।
ई) कपड़े धोने की मशीन में सर्वत्र पानी छानने का और संखारे का विवेक रखना ।
उ) पाँच तिथि ( महीने की) तथा वर्ष की छ: अट्ठाई में कपड़े नहीं धोना । हमेशा नहाने वगैरह के लिए ज्यादा पानी नहीं वापरना और साबुन का उपयोग शक्य हो तो नहीं करना ।
ऊ) बार-बार हाथ, पैर, मुँह नहीं धोना ।
जीवों की जयणा का उपकरण
1. गरणा : पानी के छानने हेतु सुयोग्य कपड़ा ।
2. सावरणी : घर का कचरा निकालने के लिए मुलायम स्पर्श वाली सावरणी (झाडु) । 3. पूंजणी : खास प्रकार की सुकोमल घास से बनायी हुई मुलायम स्पर्शवाली छोटी पींछी । 4. चरवला : सामायिक प्रतिक्रमण में उठते बैठते पूंजने - प्रमार्जने के लिए जरूरी उपकरण ।
5. मोरपींछी : मोर के पंखों को बांधकर बनाया हुआ उपकरण, मूर्ति, पुस्तक, फोटो, वगैरह को पूंजने का उत्तम साधन ।
6. छलनी : अनाज, आटा, मसाला आदि छानने हेतु अलग-अलग छलनी ।
7. चंदवा : बनती हुई रसोई में ऊपर से जीव जंतु न पड़े, उस हेतु से रसोई घर में ऊपर बांधने का कपड़ा |
जीवों की जयणा की जड़ी बूटियाँ
1. मोर के पंख : मोर के पंख को रखने से या हिलाने से सांप तथा छिपकली भाग जाते हैं ।
2. काली मिर्च : केसर की डिब्बी में काली मिर्च के दाने डालने से गीलेपन के कारण उसमें होती जीवोत्पत्ति रुक जाती है ।
3. डामर की गोली : कपड़े, पुस्तकों की बेग, अलमारी वगैरह में डामर की गोली रखने से जीवों
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