________________
जैन तत्त्व दर्शन
जानते हैं कि इन सबने माता-पिता के लिए ऐसा क्यो किया ? क्योंकि अगर बचपन में उन्होंने हमारी सार संभाल न की होती तो क्या आज हम इस संसार मे जीवित होते ? नही! कभी नही ! माता ने जन्म देकर तो उपकार किया ही है परन्तु उसके बाद माता-पिता ने हमारी सार संभाल न की होती तो हम कब के परलोक सिधार गये होते । वे सभी महापुरुष जिन्होने मातापिता के खातिर बड़ी-बड़ी कुर्बानियाँ दी वे सब इस बात को जानते थे, समझते थे और हमें यही सीख देकर गये।
अतः बच्चों से यही कहना है कि कभी माता-पिता को रुलाना नहीं। हर रोज उनके चरण स्पर्श करना, उनका आशीर्वाद लेना और उनका विनय करना । कभी उल्टा नहीं बोलना। सामने जवाब नहीं देना | वे कठोर बने तो उन पर क्रोध नहीं करना बल्कि यह सोचना कि वे जो कुछ भी कहेंगे या करेंगे हमारी भलाई के लिये ही होगा। इन सब बातों को जीवन का हिस्सा बना कर खुश रहना व सभी को खुश रखना।