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विशेष परिचय
जन्म दिवस 14-2-1913
एक ज्ञान ज्योत जो बनी अमर ज्योत
स्वर्गवास 27-11-2005
पंडित भूषण पंडितवर्य श्री कुंवरजीभाई दोसी
* जन्म गुजरात के भावनगर जिले के जैसर गाँव में हुआ था। * सम्यग्ज्ञान प्रदान भावनगर, महेसाणा, पालिताणा, बैंगलोर, मद्रास । * प. पू. पंन्यास प्रवर श्री भद्रंकरविजयजी म.सा. का आपश्री पर विशेष उपकार। * श्री संघ द्वारा पंडित भूषण की पदवी से सुशोभित ।
* अहमदाबाद में वर्ष 2003 के सर्वश्रेष्ठ पंडितवर्य की पदवी से सम्मानित । * प्रायः सभी आचार्य भगवंतों, साधु-साध्वीयों से विशेष अनुमोदनीय । * धर्मनगरी चेन्नई पर सतत् 45 वर्ष तक सम्यग् ज्ञान का फैलाव । तत्त्वज्ञान, ज्योतिष, संस्कृत, व्याकरण के विशिष्ट ज्ञाता ।
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* पूरे भारत भर में बड़ी संख्या में अंजनशलाकाएँ एवं प्रतिष्ठाओं के महान् विधिकारक । * अनुष्ठान एवं महापूजन को पूरी तन्मयता से करने वाले ऐसे अद्भुत श्रद्धावान्। * स्मरण शक्ति के अनमोल धारक |
* तकरीबन 100 छात्र-छात्राओं को संयम मार्ग की ओर अग्रसर कराने वाले। * कई साधु-साध्वीयों को धार्मिक अभ्यास कराने वाले ।
* आपश्री द्वारा मंत्रों का स्पष्ट उच्चारण एवं विधि में शुद्धता को विशेष प्रधानता । * तीर्थ यात्रा के प्रेरणा स्त्रोत ।
दुनिया से भले गये पंडितजी आप, हमारे दिल से न जा पायेंगे। आप की लगाई इन ज्ञान परब पर, जब-जब ज्ञान जल पीने जायेगें तब बेशक गुरुवर आप हमें बहुत याद आयेंगे......
वि.सं. २०७१ ई.स. 2015 सर्व अधिकार : भ्रमण प्रधान श्री संघ के आधीन
तृतीय आवृति - 5000 प्रतिया (कुल 8000 प्रतिया) मूल्य : रु.70/साधु-साध्वीजी भगवंतो को और ज्ञानभंडारो को भेंट स्वरूप मिलेगी।