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मति
तान
जागा खबर
ममः
पर्यय केवल ज्ञान ज्ञान
श्रुत ज्ञान
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अवधि ज्ञान
स्थावरपद जनिणहि पर्वड तसेच निस्संक सच्चा
जानपद
ब्रह्मचर्यपद १२.
मिदपद
जिनपद १६.
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विंशतिस्थानक चित्र
क्रियापद
अरिहंतापद
संयमपद १७.
अभिनव ज्ञानपद स्
उपाध्यायपद६.
विद्रयपद २०,
तपपद १४.
श्रुतपद .
पूर्व जन्म में तीर्थंकर माने सर्वोत्तम कोटिका ईश्वरीयपद प्राप्ति में अनिवार्य कारणभूत होनेवाले वीशस्थानक के २० पदों के चित्र ।
શ્રી વિશ સ્થાનક ચિત્ર
जनपद है
पद २०
साधुपद ७.
चारित्र पड़
रामपद र५.