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________________ બીજાગણના વિકલ્પ રૂપ ૨૫૧ વિકલ્પ રૂપો जागराञ्चकार/चकर जागराञ्चकर्थ जागराञ्चकार जागृ ५. ५६. परीक्षा .. जागराञ्चकृव जागराञ्चक्रथुः जागराञ्चक्रतुः जागराञ्चकृम जागराञ्चक्र जागराञ्चक्रुः दरिद्राञ्चकार/चकर दरिद्राञ्चकर्थ दरिद्राञ्चकार दरिद्रा ५. ५६. परोक्षा दरिद्राञ्चकृव दरिद्राञ्चक्रथुः दरिद्राञ्चक्रतुः दरिद्राञ्चकृम दरिद्राञ्चक्र दरिद्राञ्चक्रुः .. विद् ५. ५६. वर्तमान विद् ५. ५६. माशार्थ वेद · विद्व विद्म | विदाङ्करवाणि विदाङ्करवाव विदाङ्करवाम वेत्थ विदथुः विद | विदाङ्कुरु विदाङ्कुरुतम् विदाङ्कुरुत . विदतुः । विदुः | विदाङ्करोतु विदाङ्कुरुताम् विदाङ्कुर्वन्तु ___ मृज् ५. ५६. श्वस्तनी मृज् ५. ५६. भविष्यन्ती माास्मि माष्टस्विः मार्टास्मः | माामि माावः माामः मा सिमाष्टस्थिः मास्थ | मार्क्ष्यसि मार्क्ष्यथ: माग्रंथ मार्टा मार्टारौ मार्टारः । मार्क्ष्यति मार्क्ष्यतः मायन्ति __ मृज् ५. ५६. डियातिपत्त्यर्थ मृज् ५. ५६. मद्यतनी (पीको प्रार) अमाय॑म् अमााव. अमााम | अमार्शम् अमाव अमाह्म अमार्क्ष्यः अमाय॑तम् अमाद्यंत | अमाक्षीः अमाम् अमार्ट अमाय॑त् अमार्क्ष्यताम् अमायन् | अमाक्षीत् अमाष्र्टाम् अमाझुः
SR No.006059
Book TitleHaim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshchandra Kantilal Mehta
PublisherRamsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala
Publication Year2006
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size22 MB
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